कहते है टूटे हुए दिल दोबारा नही जुड़ते…… लेकिन क्या हो जब किस्मत टूटे हुए दिलों को मिलने के लिए आ जाए अपनी आई पर?…… ऐसी ही कहानी है ऐसे दो इंसानों की…… ओंकार अग्निवंशी और अमाया बक्शी.… ओंकार जो अपनी बेटी की खुशी के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार था वो एक बिजनेस टायकून था…… तो वही है अमाया बक्शी जो एक टीचर की जॉब करती थी और अपनी फैमिली में खुश थी…… जो ओंकार अग्निवंशी की बेटी को पढ़ाती थी । क्या किस्मत मिला पाएगी इन दो दिलों को? क्या एक मासूम जोड़ देगी एक नया रिश्ता? क्या है इनके अतीत? जानने के लिए पढ़िए “Demon's Second Wife”
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