मुंबई……
रॉयल कम्युनिटी सेंटर स्कूल ।……
स्कूल के बड़े से ग्राउंड मैं बच्चे खेल रहे थे और एक टीचर उन्हें खेलते हुए देख रही थी तभी उन टीचर के पास एक और टीचर आकर बैठ गई और बोली _“मिस अमाया आप अभी तक प्रिंसिपल केबिन क्यों नहीं गई?.……
उस दूसरी टीचर की बात सुन वहां पहले से बैठी हुई टीचर अमाया ने मुस्कुरा कर उन टीचर की तरफ देखा और फिर उन खेलते हुए बच्चों की तरफ देखते हुए बोली _“कुछ नहीं मिस रीमा बस वो अभी तक ग्राउंड कीपर नहीं आए हैं तो बस इन बच्चों का ध्यान रख रही थी अगर आप यहां थोड़ी देर तक रुक सकती है तो मैं अभी प्रिंसिपल केबिन जाना चाहूंगी ।”……
रीमा अमाया की बात सुन मुस्कुरा कर बोली _“ओके ठीक है मिस अमाया आप जा सकती हैं मैं इन सभी बच्चों का ख्याल रखूंगी ।”….
उन टीचर की बात सुन अमाया ने अपना थैला उठाया और प्रिंसिपल केबिन की ओर बढ़ गई ।……
प्रिंसिपल केबिन……
प्रिंसिपल केबिन के पास पहुंच अमाया ने गेट पर खड़े होकर दरवाजे पर नोक करके कहा _“मे आई कम इन सर?……
अमाया की आवाज सुन प्रिंसिपल ने एक नजर उठा कर अमाया को देखा और फिर मुस्कुरा कर कहा _“कम इन मिस अमाया ।”……
प्रिंसिपल हुड्डा के कहने पर अमाया अंदर आ गई और प्रिंसिपल की चेयर के सामने वाली चेयर पर बैठ गई और फिर बोली _“सर आपने बुलाया था?……
उसकी बात का जवाब देते हुए प्रिंसिपल हुड्डा बोले _“एक्चुअली मिस अमाया हमारे स्कूल के स्पॉन्सर आपसे मिलना चाहते हैं शायद उन्हें आपसे कोई काम है ।”……
प्रिंसिपल हुड्डा की बात सुन अमाया ने ना समझी में उनसे पूछा _“आप किन स्पॉन्सर की बात कर रहे हैं सर और वो भला मुझसे क्यों मिलना चाहेंगे? और वो कौन है ।”……
अमाया की बात का जवाब देते हुए प्रिंसिपल हुड्डा ने उससे कहा _“आप उन्हें नहीं जानती लेकिन आपको ये तो जरूर पता होगा कि हमारे स्कूल मैं एक कियाज़ नाम की लड़की पढ़ती है वो इसके डेड है ।”……
प्रिंसिपल हुड्डा की बात सुन अमाया ने हामी भरते हुए कहा _“ठीक है मैं उनसे मिल लूंगी, लेकिन ये तो बताइए कि उन्हें मुझसे ऐसा क्या काम आ गया?……
अमाया की बात का जवाब देते हुए प्रिंसिपल हुड्डा ने कहा _“वो तो मुझे भी नहीं पता मिस अमाया कि वो आपसे क्यों मिलना चाहते हैं लेकिन हमें ऊपर से यही ऑर्डर आया है तो मैंने आपको बता दिया ।”……
तभी उस केबिन के दरवाजे पर दो बाउंसर आकर खड़े हो गए उनके हाथों में गन्स थी उनका लिबाज़ कला था उन बाउंसर में से एक ने उसे केबिन को अच्छे से स्कैन किया और फिर अपने ब्लूटूथ पर उंगली से टच करते हुए कहा _“ऑल क्लियर सर, बॉस यहां आ सकते हैं ।……
उसके बाद वो दोनो बाउंसर वहीं खड़े हो गए अमाया और प्रिंसिपल हुड्डा उन दोनों बाउंसर को हैरानी में देख रहे थे ।
थोड़ी देर बाद……
प्रिंसिपल केबिन के गेट पर एक आदमी ब्लैक कलर का ब्लेजर पहने और आंखों पर चश्मा लगाए अपने दोनों हाथों को अपनी पैंट की पॉकेट मैं डालकर खड़ा हुआ था उसकी पर्सनेलिटी बहुत डेशिंग और अट्रेक्टिव थी और उसकी मस्कुलर बॉडी उसके थ्री पीस से काफी उभर कर दिखाई दे रही थी उस लड़के को देख एक पल के लिए अमाया फ्रिज हो गई, लेकिन वो खुद को संभालते हुए घूर कर उस लड़के को देखने लगी ।
उस लड़के ने अपनी कोल्ड वॉइस में प्रिंसिपल हुड्डा से कहा _“कैन आई कम इन मिस्टर हड्डा?……
उस लड़के की आवाज सुन प्रिंसिपल हुड्डा हड़बड़ा गए और हड़बड़ाते हुए बोले _“आइए, आइए ना सर आपको ये फॉर्मेलिटी करने की जरूरत नहीं है ये आपका ही तो स्कूल है ।”……
प्रिंसिपल हुड्डा की ऐसी बात सुन उस लड़के के चेहरे पर एक टेढ़ी मुस्कुराहट आ गई उसने बिना किसी की तरफ देख प्रिंसिपल केबिन के अंदर अपने कदम बढ़ाए और जाकर सीधा प्रिंसिपल की चेयर पर बैठ गया और फिर अपने एक गार्ड को आवाज लगाकर बोला _“जाओ जाकर किया को यहां लेकर आओ ।”……
उसे लड़के का आर्डर मिलते ही एक गार्ड जो उसके साथ ही वहां आया था उसने अपना सर हां में हिलाया और वहां से चला गया । थोड़ी देर बाद वो गार्ड एक 5 साल की बच्ची को लेकर प्रिंसिपल केबिन में आया उस छोटी सी बच्ची ने जब सामने बैठे लड़के को देखा तो वो दौड़ कर उस लड़के के पास आई और चिल्लाते हुए बोली _“डेडा आप आ गए ।”……
उस लड़की को अपनी तरफ आते देख उस लड़के ने भी अपनी बाहें खोल ली और वो लड़की सीधा जाकर उसके सीने से लग गई उस लड़के ने उस बच्ची के माथे को चुम लिया और फिर उससे पूछा “कैसे हो मेरे बच्चे?……
उस लड़के की बात का जवाब देते हुए कियाज़ बोली _“मैं बिल्कुल ठीक हूं और मुझे यहां बहुत मजा आ रहा है ।”……
तभी उसे बच्ची की नजर पास ही खड़ी अमाया पर गई अमाया को देखकर उस बच्ची के चेहरे पर एक मीठी सी स्माइल आ गई उसने उस और देखते हुए अपने पापा से कहा _“डैडा यही है मेरी एंजल अंटी ।”……
कियाज़ की बात सुन उस लड़के ने सामने खड़ी टीचर को देखा उसे अपनी तरफ देखते-देख अमाया ने अपने चेहरे पर एक बड़ी सी स्माइल सजा दी अमाया को देखते ही वो लड़का उसे देखते रह गया अमाया देखने में बहुत खूबसूरत और क्यूट थी उसके चेहरे पर एक नेचुरल ब्लश था जिससे उसकी खूबसूरती और भी ज्यादा निखर रही थी उसने पिंक कलर का सूट पहन रखा था जिसमें वो किसी एंजल से कम नहीं लग रही थी कुछ देर के लिए वो लड़का उसकी खूबसूरती में खो सा गया । लेकिन तभी कियाज़ ने उसे लड़के के कंधे पर अपने छोटे से हाथ से मारते हुए कहा _“डैडा आप कहां खो गए ये हमारी एंजल आंटी है जो हमें पढ़ती हैं एंजल आंटी ये हमारे डैडा हैं ।”……
कियाज़ की बात सुन अमाया के फेस पर एक स्माइल आ गई और उसने एक प्यारी सी मुस्कान के साथ उस लड़के को देखा और बोली _“हेलो मैं कियाज़ की टीचर अमाया बक्शी हूं ।”……
अमाया की बात का जवाब देते वो लड़का बोला _“हेलो मैं किया का फादर ओंकार अग्निवंशी हूं, अच्छा तो तुम हो जिसने मेरी बेटी के पास आने की जुर्रत की है आई एम राइट ना! ”……
ओंकार की बात सुन अमाया को कुछ नहीं समझ आया वो ना समझी मैं बोली _“ये आप कैसी बात कर रहे हैं मिस्टर ओंकार ये मेंरा फर्ज है कि मैं बच्चों को अच्छे से ट्रीट करूं और उनका ख्याल रखी ये हर एक टीचर की जिम्मेदारी होती है ।”……
अमाया की बात सुन ओंकार की भौहें तन गई और वो बोला _“तो तुम मुझे जिम्मेदारियां के बारे में बता रही हो जानती भी हो कि मैं कौन हूं अगर चाहूं तो तुम्हें अभी के अभी यहां से निकलवा दूं और तुम्हारा टीचर लाइसेंस भी कैंसिल करवा दूं ।”……
ओंकार की बात सुन अमाया को गुस्सा आ गया और उसने गुस्से के साथ ओंकार को देखा और बोली _“मिस्टर ओंकार आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? मैंने आपसे ऐसा भी क्या कह दिया? मैंने तो सिर्फ यही कहां की बच्चों क्या ख्याल रखना टीचर की जिम्मेदारी होती है और मैं भी इस जिम्मेदारी को निभा रही थी इट्स नोट ए बिग डील ।”……
अमाया की बात सुनकर ओंकार को बहुत ज्यादा गुस्सा आने लगा लेकिन तभी एक छोटा सा हाथ उसे अपने हाथ पर महसूस हुआ जिसे महसूस कर ओंकार ने अपने हाथ की तरफ देखा और फिर अपने गुस्से को कंट्रोल करते हुए उसने एक स्माइल कियाज़ की तरफ पास की कियाज़ बड़ी मासूमियत के साथ उससे बोली _“डेडा आप एंजेल आंटी को ऐसे मत डाटिये वो बहुत अच्छी है वो मेरा बहुत ख्याल रखती हैं ।”……
कियाज़ की बात सुन ना चाहते हुए भी ओंकार को अपना गुस्सा दबाना पड़ा और वो जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कियाज़ से बोला _“आप फिक्र मत करें बच्चे मैं उन्हें नहीं डटुंगा अब आप अपनी क्लास में जाइए ।”……
उसके कहने पर कियाज़ वहां से जाने लगी और एक बॉडीगार्ड उसके साथ उसे क्लास में छोड़ने चला गया ।
उसके जाते ही ओंकार ने गुस्से भरी नजरो से अमाया को देखा और फिर बोला _“मेरी बच्ची से जितना हो सके उतना दूर रहो वरना मैं तुम्हे बर्बाद कर दूंगा मैं नहीं चाहता कि कोई भी लड़की मेरी बच्ची के क्लोज आए और उसकी मां बनने की कोशिश करे ।”……
ओंकार की बात सुन अमाया उसकी नजरों में नजरे डाल कर देखते हुए बोली _“मुझे कोई शौक भी नही है आपकी बच्ची के पास जाने का वो तो उसका प्यार है जो मुझे उसके पास खींचता है और इसके लिए आप मुझे नही रोक सकते मिस्टर अग्निवंशी ।”……
इतना कह कर वो गुस्से में पैर पटकते हुए केबिन से बाहर चली गई और ओंकार उसे गुस्से से जाते हुए देखता रहा ।
क्या हो पाएगी इस कहानी की शुरुआत?
क्या एक मासूम मिला पाएगी दो दिलों को?
जानने के लिए पढ़िए “Demon's Second Wife”……
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